कला के नाम पर पाकिस्तान परस्ती
जयपुर/बाडमेर 19 फरवरी। एक और जहां देश कश्मीर के पुलवामा शहीदों की शहादत पर गमगीन है, वहीं कुछ सामाजिक तत्व अपनी शर्मनाक हरकतों से माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। राजधानी जयपुर में असामाजिक तत्वों ने रंगमंच के माध्यम से कश्मीर में सेना की कार्रवाई पर प्रहार किया, वहीं सरहदी जिला मुख्यालय बाड़मेर में शहीद स्मारक पर तोड़फोड़ की गई।
जवाहरकला केंद्र की ओर से आयोजित नवरस समारोह में कश्मीर के हालात पर ‘ईदगाह का जिन्नात‘ नाटक का मंचन किया गया। इसमें पत्थरबाजों को कहा गया कि तुम भी आर्मी की तरह वहशी हो गए हो। कश्मीर की जन्नत ईदगाह शहीदों की कब्रगाह बनेगी। चैक पोस्ट पर हनुमान चालीसा बंद करवाकर हनुमानजी पर टिप्पणी की गई। यह देखकर दर्शक आक्रोशित हो गए और बाहर आकर प्रदर्शन करने लगे। दर्शकों का कहना था कि कश्मीर के वर्तमान हालात में भारतीय सेना को हतोत्साहित करने का काम है। इधर लोगों ने मंगलवार को भी नाटक के मंचन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
वहीं दूसरी ओर सोमवार रात असामाजिक तत्वों ने सिणधरी चैराहे स्थित शहीद स्मारक पर प्रतिमा खण्डित की। असामाजिक तत्वों ने शहीद स्मारक पर लगे स्मृति चिह्न की राइफल को तोड़ दिया और सैनिकों की टोपियों को गिरा दिया। इधर आज सुबह घटना का पता चलते ही बड़ी संख्या में लोग वहां इकट्ठे हो गए। आक्रोशित लोग नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन आरोपियों का पता नहीं लग सका। बाडमेर के इस शहीद स्मारक पर पिछले साल भी असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ की थी, लेकिन आरोपी आज तक पकड़ में नहीं आए।
सीसी टीवी कैमरे, लेकिन खराब…..
शहीद स्मारक पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन वो खराब हैं। बताया जा रहा है एक साल पहले हुई घटना के समय भी सीसीटीवी कैमरे बंद थे। ऐसे में पुलिस की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। एक बार संवेदनशील घटना होने के बावजूद कैमरों को ठीक नहीं कराया गया।