सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करें स्वयंसेवकः मनमोहन वैद्य

जयपुर (विसंके)। imagesस्वयंसेवक सिर्फ शाखा में आने तक सीमित न रहें। उनकी समाज के प्रति जिम्मेदारियां बनती हैं, उनका निर्वहन निष्ठा और समर्पण भाव से करें। ये विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने उत्तराखंड के देहरादून में स्वयंसेवक संघ की रामनगर इकाई के नगर एकत्रीकरण कार्यक्रम में स्वयंसेवकों के समक्ष व्यक्त किए। मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि समाज में ऐसे तमाम बुजुर्ग हैं, जो अपने घर में अकेले ही रहते हैं। क्योंकि उनके बच्चे नौकरी या अन्य कार्यों की वजह से घर से बाहर हैं। स्वयंसेवक सप्ताह में एक दिन कुछ अपना समय निकालें और उन बुजुर्गों के साथ बिताएं, जिससे उनका अकेलापन दूर होगा। मनमोहन वैद्य जी कहा कि सोशल मीडिया पर स्वयंसेवक संघ के बारे में भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। जबकि, संघ की स्थापना समाज को जोड़ने के उद्देश्य के लिए हुई थी। और आज भी संघ और स्वयंसेवक इसी लक्ष्य पर कार्य कर रहे हैं। आज भारतीय संस्कृति से लगाव रखने वाले और सामाजिक क्षेत्रों में काम करने के इच्छुक युवा बड़ी संख्या में संघ से जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक  डा. केशवराव बलिराम हेडगेवार अतुलनीय शख्सियत थे। उनकी दूरदर्शिता  बेमिशाल थी। उन्होंने जो सूत्र दिए वह हमेशा कारगर रहने वाले हैं। हमें उनके बताए रास्तों पर चलकर वैचारिक रूप से ताकतवर बनना है और राष्ट्र विरोधी विचारों को परास्त करना है।

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