सुन ले बेटा पाकिस्तान, तेरा बाप है हिन्दुस्तान

6efba538-a0c3-4a4a-91da-5bef27ce744627 फरवरी, जयपुर (विसंकें)। पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के क्रम में सोमवार की रात श्याम लाइब्रेरी, दौसा के तत्वावधान में श्री वीर हनुमान मंदिर में “एक शाम शहीदों के नाम” से एक कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेश शर्मा, आयोजन समिति के सदस्यों व कवियों द्वारा शहीदों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य बृजकिशोर मीणा ने की। कवि सम्मेलन की शुरुआत बुद्धि प्रकाश महावर”मन” ने सरस्वती वंदना के साथ की। संयोजक कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज” ने बताया कि कवि सम्मेलन में कवियों ने एक से बढ़कर एक देशभक्ति की रचनाएं प्रस्तुत कीं। जिन्हें सुनकर उपस्थित श्रोताओं ने हिंदुस्तान जिंदाबाद व भारत माता की जय के नारे लगाए।
अलवर से पधारे कवि मुकेश मेघ ने “घाटी में कोहराम मचा है आतंकी बर्बरता का। चेहरा यह नापाक दिखा है, दुश्मन की कायरता का” रचना सुनाकर पाकिस्तान के नापाक इरादों को प्रस्तुत किया। स्थानीय गजलकारा एवं प्रधानाचार्या रानू गोठवाल”सोना” ने आतंकवादियों पर प्रहार करते हुए “जाने क्यों अपना ईमान बदलते हैं, पल-पल में क्यों यह शैतान बदलते हैं”…कविता सुनाई।

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रुड़की हरिद्वार से पधारे कवि किसलय क्रांतिकारी ने पाकिस्तान को ललकारते हुए “शत्रुओं ने सैनिकों पर धोखे से जो वार किया, ऐसे शत्रुओं को काट आना है। मकसद हिंद के जवानों का यही है अब, नक्शे से पाक के नाम को मिटाना है” कविता सुनाई जिसे सुनकर श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाईं। चौपाल की दौसा शाखा अध्यक्ष कवि कृष्ण कुमार सैनी ने शहीदों के परिजनों के सम्मान में भावपूर्ण कविता द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की – “कितनी बहनें विधवा हो गईं और कितनों का प्यार गया। उस मां पर क्या बीती होगी, जिसका फूलों सा हार गया।” वीर भूमि नवलगढ़ से पधारे कवि मुकेश मारवाड़ी ने –
“मैं कश्मीर की घाटियों में कहीं खो जाऊंगा। बीज राष्ट्रभक्ति का पर हर तन में बो जाऊंगा। या तो गाड़ दूंगा तिरंगा दुश्मन की छाती पर, या कफन को ओढ़कर सदा के लिए सो जाऊंगा” कविता सुनाई। देवभूमि उत्तराखंड से पधारी सुरेखा हिन्दुस्थानी ने अपनी इन पंक्तियों से देशप्रेम का संदेश दिया कि –
“खून की खेलने को होली कुछ गद्दार बैठे हैं। वतन को बेचने को कुछ सियासतदार बैठे हैं। रहोगे जब तलक हद में हमारी हद ना टूटेगी, तोड़ने को हम अपनी बंदिशें तैयार बैठे हैं। बांदीकुई से पधारे युवा कवि धर्मेन्द्र कुमार सैनी एवं दौसा के गौरव पांडे ने भी काव्य पाठ किया। मंच संचालन रामवीर सिंह चौधरी (फिल्म अभिनेता) एवं कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज” ने सामूहिक रुप से किया। आयोजन समिति द्वारा कवियों एवं अतिथियों का स्मृति चिन्ह एवं माल्यार्पण द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम में श्याम लाइब्रेरी के समस्त कार्यकर्ता एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे। कवि सम्मेलन की समाप्ति पर सभी ने खड़े होकर पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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