हिन्दुओं की सुरक्षा, मंदिर का पुनर्निर्माण, तथा दोषियों को सख्त सजा की मांग

पुलिस आयुक्त से मिला विश्व हिन्दू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

हिन्दू समाज के घरों पर हमला करने तथा देवी मंदिर में तोड़फोड़ करने वालों को पुलिस 4 दिन में गिरफ्तार करे. विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार जी के नेतृत्व में 12 सदस्यीय उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से मिलकर यह मांग की. प्रतिनिधिमंडल में कुलभूषण आहूजा जी (प्रान्त संघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), विवेकानन्द जी (सह प्रान्त संघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), वागीश जी (प्रान्त कार्याध्यक्ष विहिप), बचन सिंह जी (प्रान्त मंत्री विहिप), सुरेन्द्र गुप्ता जी (प्रान्त उपाध्यक्ष विहिप), ब्रज मोहन सेठी (प्रान्त उपाध्यक्ष विहिप), सहित अन्य शामिल थे.

प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर को हिन्दू समाज की भावनाओं से अवगत कराते हुए मांग की कि पुलिस हौज काजी लाल कुआं स्थित देवी मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले तथा हिन्दू समाज के घरों पर हमला करने वाले मुस्लिमों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करके दोषी लोगों को 4 दिन के अंदर गिरफ्तार करे. गुप्ता परिवार के युवक (आयु 16-17 वर्ष) को मुस्लिम लोगों की गिरफ्त से मुक्त कराया जाए. यदि पुलिस 04 दिन में कदम नहीं उठाती है तो हिन्दू समाज के धार्मिक तथा सामाजिक संगठन आगामी दिनों में विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में एक महापंचायत करेंगे और महापंचायत में निर्णय के अनुसार आगामी रणनीति तय की जाएगी.

विश्व हिन्दू परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर को बताया कि स्कूटी खड़ी करने को लेकर हुए मामूली से झगड़े से मंदिर पर हमला करने तथा हिन्दू समाज के लोगों को भयभीत एवं आतंकित करने का कोई कारण नहीं बनता है. यह सारी घटना किसी बड़ी साजिश की ओर संकेत करती है. जिससे पता चलता है कि दूसरे संप्रदाय के लोग हिन्दू व्यापारी और लोगों को वहां से हटाकर डेमोग्राफी बदलना चाहते हैं. जिसके दीर्घकालीन प्रभाव होंगे.

इस घटना से हिन्दू समाज में भारी रोष व्याप्त है. पुलिस का कर्तव्य है कि वहां रह रहे हिन्दू परिवारों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करे तथा हिन्दू व्यापारियों को निडरता पूर्वक व्यापार करने का माहौल दिया जाए तथा क्षतिग्रस्त मंदिर को बनाने के लिए विधि विधान के साथ मूर्ति प्रतिस्थापित करने के लिए मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करने की व्यवस्था शीघ्र की जाए क्योंकि मंदिर में मूर्तियों को चोरी-छिपे स्थापित नहीं किया जा सकता है. उसके लिए पर्याप्त विधि-विधान की आवश्यकता होती है.

विहिप के प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित हिन्दू परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया तथा उन्हें आश्वास्त किया कि समाज उनके साथ खड़ा है.

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