—जरारासं विवि में ‘नारी सशक्तिकरण’ पर व्याख्यान
विसंकेजयपुर
जयपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने रानी लक्ष्मी बाई जन्म दिवस को नारी सशक्तिकरण दिवस के रूप में मनाया। विद्यार्थी परिषद की स्थानीय ईकाई की ओर से जगद्गुरू रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, मंदाउ में ‘नारी सशक्तिकरण’ विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महारानी कॉलेज प्राचार्य अल्पना कटेजा जी और मुख्य वक्ता विद्यार्थी परिषद के जयपुर एवं टोंक विभाग प्रमुख रामेन्द्र राठौड जी थे।
मुख्य वक्ता राठौड जी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में नारी सदा से ही पूजनीय रही है। नारी की महिमा में वेद—शास्त्र भरे पडे हैं। नारी को पुरूषों के सामान दर्जा मिले यह बात पश्चिम संस्कृति की है। भारतवर्ष में तो नारी को पुरूषों से उंचा स्थान प्राप्त था। हर धार्मिक अनुष्ठान नारी के बिना संभव नहीं था। वैदिक काल में भारतीय नारी वेदों का पठन—पाठन किया करती थी। अस्त्र—शस्त्र विद्या में निपूण थी झांसी की रानी लक्ष्मी बाई इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने तो दुनिया की नारियों को वीरता का मार्ग दिखाया। लक्ष्मी बाई में दया, करुणा के साथ देशभक्ती का जज्बा रोम—रोम में भरा हुआ था। उन्होंने अपने शौर्य के दम पर विदेशी सेना के दांत खट्टे किए।
मुख्य अतिथि अल्पना कटेजा जी, जगद्गुरू रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, मंदाउ की योगगुरू वंदनासिंह जी एवं विवि ईकाई अध्यक्ष मुकेश मीणा जी ने भी संबोधित किया। विद्यार्थी परिषद के जयपुर महानगर सहमंत्री दीनदयाल गुर्जर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।