रा.स्वयंसेवक संघ जयपुर प्रांत के संघचालक डॉ.रमेश अग्रवाल ने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने पहला सुख निरोगी काया को बताया है अर्थात हमें धन, वैभव और सम्पदा की अपेक्षा बेहतर स्वास्थ्य चाहिए। डॉ.अग्रवाल यहां गुरूवार को आरोग्य भारती, जयपुर महानगर की ओर से आयोजित धन्वन्तरी जयन्ती समारोह को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी वैदिक पुरातन स्वास्थ्य प्रणाली ही आज के संदर्भ में सर्वाधिक कारगर है। प्राचीन दिनचर्या और खानपान को अपनाकर स्वस्थ रहा जा सकता है।
मुख्य अतिथि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अरूण चतुर्वेदी थे। उन्होंने कहा कि दादी-नानी के नुस्खों में जो स्वास्थ्य उपाय बताए
गए, वे आज भी प्रासंगिक है
। हमारे देश के ऋषि-मुनियों की ओर से प्रतिपादित प्राचीन चिकित्सा पद्धति को हमारे बुजुर्गों ने अपनाया और संयुक्त परिवारों ने इसे आगे बढाया। उन्होंने कहा कि आज की भागमभाग जिन्दगी में स्वस्थ रहने के लिए सुकून के दो पल चाहिए।
वैद्य प्रो बनवारी लाल गौड ने धन्वन्तरी जयंती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान धन्वन्तरी का पूजन केवल धन की कामना के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि ये आरोग्य के देवता हैं, इसलिए धन के साथ-साथ आरोग्य की कामना भी इस दिन होनी चाहिए। बिना आरोग्य के धन सम्पदा का भी कोई महत्व नहीं है।
वैद्य श्रीराम तिवाडी ने आरोग्य भारती की संकल्पना पर प्रकाश डालते हुए धन्वन्तरी जयंती समारोह में आए श्रोताओं को तात्कालिक उपाय बताए। कार्यक्रम में स्वस्थ जीवन विषयक संवाद का आयोजन किया गया। चिकनगुनिया रोग से बचाव के लिए क्वाथ का निशुल्क वितरण भी किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य ज्ञान प्रतियोगिता में विजेता व उप विजेता रहे विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र, नकद राशि और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।