—झोटवाडा में भागवत कथा—रसपान
विसंकेजयपुर
जयपुर, 23 सितम्बर। भगवान की भक्ति करने की कोई उम्र नहीं होती है सिर्फ मन सच्चा होना चाहिए। यह कहना था 14 वर्षीय श्री सनातन जी महाराज का। वे शुक्रवार को झोटवाड़ा स्थित आदर्श विद्या मंदिर में आयोजित भागवत कथा के समापन पर प्रवचन के दौरान बोल रहे थे।
महाराज ने कहा कि भजन का उम्र के साथ कोई संबंध नहीं होता है। भजन और भक्ति् किसी भी उम्र में संभव है। हमारे देश में बालकों द्वारा की गई ईश्वर भक्ति के काफी उदाहरण है। इस अवसर पर उन्होंने बालक भगत प्रहलाद और ध्रुव की कथा भी सुनाई।
हमें ज्ञात हो कि यह कथा हिन्दू जागरण मंच की ओर से आयोजित की गई। कथा के दौरान सात दिन तक बडी संख्या में समाज—बंधु पहुंचे और कथा रसपान किया। कथा में विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से श्री कृष्ण की बाल लीलाओं सहित भागवत के कई रोचक प्रसंगों व संगीतमय भजनों से श्रोताओं को झुमा दिया। सभी वर्गों ने समरसता का दर्शन देते हुए कथा का आनंद लिया। यह भागवत कथा गौसेवा को समर्पित रही। कथा के दौरान आने वाली दान—दक्षिणा गायों की सेवा में खर्च करने के ली दी।