शिमला (विसंकें). दुर्गावाहिनी की क्षेत्र संयोजिका रजनी ठुकराल ने सरकार पर आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने लवजिहाद के मामलों पर कोई तत्परता नहीं दिखाई है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियों को बहला-फुसला कर प्रदेश से बाहर ले जाया जा रहा है. देवभूमि में भी बहनें और बेटियां सुरक्षित नहीं है. आये दिन प्रदेश के हर हिस्से में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं. लवजिहाद की घटनायें सुनियोजित तरीके से एक विशेष समुदाय के लोग लगातार कर रहे हैं. एक सप्ताह पहले घटी घटना का जिक्र करते हुए रजनी ठुकराल ने बताया कि नालागढ़ निवासी हरीश चंद्र मिश्रा की पत्नी को एक निजामुदीन चिश्ती नाम का सूफी लेकर चला गया. अब वह सूफी धमकी दे रहा है कि उस महिला से पैदा हुई बच्ची को उसके हवाले कर दे वरना उस परिवार के लड़के को मार दिया जाएगा. यह मामला पुलिस के पास पहुंचा, जिसे लिव-इन-रिलेशनशिप कहकर पीड़िता की कोई बात नहीं सुनी जा रही. इसी के समान जोगिंद्रनगर मंडी के सेरी गांव से सुरेश कुमार की बेटी मोनिका घर से लापता है. इस लड़की को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा का रहने वाला आफताब नामक व्यक्ति ले गया. मोनिका के माता-पिता पुलिस से लड़की को वापिस लाने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन पुलिस सुनने को तैयार नहीं है. ऐसा लगता है कि सरकार लवजिहाद पर कोई संजीदगी नहीं दिखाना चाहती. प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को कई बार इन घटनाओं से अवगत करवाया गया, लेकिन अबतक कोई ठोस नतीजा धरातल पर दिखाई नहीं दिया है. रजनी ठुकराल ने दावा किया कि प्रदेश में 182 लड़कियों के गुम होने की जानकारी प्रदेश के डीजीपी ने हाल ही में मीडिया में दी थी. सरकार ने इन घटनाओं पर गंभीरता दिखाने की अपेक्षा टालमटोल करने का रवैया अपनाया. पुलिस प्रशासन द्वारा पीड़ित लोगों की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की जा रही.
रजनी ने मांग की कि पुलिस को इन घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए. सरकार को बाहरी राज्यों से रोजगार के लिए आने वाले कामगारों पर भी निगाह रखनी चाहिए, ताकि ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जा सके जो काम की आड़ में अपने आपराधिक मंसूबे पूरे करते हैं. पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने सरकार को आदेश दिए थे कि इस प्रकार के मामलों में गुम हुई लड़कियों को वापिस लाने के लिए सरकार ठोस कदम उठाये. सरकार ने अबतक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है. पुलिस दोषियों को पकड़ना तो दूर अभी पीड़ित परिवारों के मामले तक दर्ज करने को तैयार नहीं है. रजनी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इन मामलों में उदासीन बनी रहती है तो विश्व हिन्दू परिषद् को आंदोलन चलाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.