—मोतीलाल तेजावत आश्रम में ‘पूर्व छात्र मिलन कार्यक्रम’
विसंकेजयपुर
उदयपुर। वनवासी वीर बिरसा मुण्डा का जीवन संघर्षपूर्ण रहा। ईसाईयों की ओर से चोटी काटे जाने पर उन्होनें अपना संघर्ष प्रारम्भ किया। वे ही थे जिन्होंने अपने समाज को स्वच्छता, स्नान एवं गौसेवा के लिए प्रेरित किया। अपने जीवन के अंत तक वे अंग्रेजों से संघर्ष करते रहे। यह बात वनवासी कल्याण परिषद् के अखिल भारतीय सह—छात्रावास प्रमुख श्री सुहासराव पाठक ने कही। वे पिछले दिनों राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद् द्वारा संचालित कोटडा स्थित मोतीलाल तेजावत आश्रम के पूर्व छात्र मिलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।
श्री पाठक ने कहा कि धर्म परिवर्तन पर रोकथाम आवश्यक है। इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा। अनेक छात्र इस यज्ञकुण्ड में अपना योगदान दे रहे हैं। अनेक छात्र आज भी अपने वेतन का अंशदान कल्याण आश्रम को दे रहे हैं जो धर्म परिवर्तन की रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
श्री नरेश खैर ने अपने अरूणाचल प्रदेश के अनुभवों को बताया और मौताणे की समस्या के निराकरण का उपाय भी रखा। कार्यक्रम में श्री मनोज, श्री शंकरलाल पटेल, श्री रामलाल पटेल, श्री राजेश चौधरी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।