स्वदेश को करे स्वीकार, चीनी वस्तुओं का हो बहिष्कार

स्वदेशी केवल नारा नहीं है हमारी सोच है, हमारा स्वभाव है
दिल्ली : पश्चिमी दिल्ली के विष्णु गार्डन में स्वदेशी जागरण मंच के स्वदेशी विचार मंडल की ओर से स्वदेशी संदेश यात्रा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वदेशी विचार मंडल के प्रमुख सुन्दर बैसोया ने कहा कि स्वदेशी केवल नारा नहीं है हमारी सोच है, हमारा स्वभाव है. इस मौके पर जन समाज से अपील करते हुए कहा गया कि हमें चीन में बने सामानों का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि चीन पैसा भारत से कमाता है और साथ पाकिस्तान का निभाता है, अब यह नहीं चलेगा। पाकिस्तान के साथ-साथ चीन के प्रति कुछ इसी तरह का आक्रोश अब आम आदमी से लेकर व्यापारियों तक में साफ झलक रहा है। बैसोया ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन की तरह पुनः देश में एक बार फिर स्वदेशी अपनाने की बात होने लगी है। स्वदेशी का भाव जहाँ हमें देश से जोड़ता है वही हमारे उत्पादों को भी स्थापित करता है. जिससे देश की अर्थवयवस्था भी सुदृढ़ होती है।
स्वदेशी के इस भाव को लेकर मंच के कार्यकर्ता स्कूलों व कॉलेज में भी विद्यार्थियो के बीच जागरूकता फैला रहे है. स्वदेशी जागरण मंच के प्रान्त संयोजक सुशिल पांचाल ने दिल्ली में अब तक हुई यात्राओ पर चर्चा करते हुए बताया कि व्यापारी और उपभोक्ता दोनों ही इन कार्यक्रमो में बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे है।  कुछ जगह पर इस बात की शपथ भी ली गयी कि हम अब विदेशी वस्तुओ का उपयोग नहीं करेंगे। कार्यक्रमो के अंत में चीनी वस्तुओं की होली भी जलाई गयी.

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