जयपुर, 3 अप्रेल। राष्ट्रीय विचारक राकेश सिन्हा ने कहा कि हिन्दू बहुमत में रहेगा तो किसी भी पंथ की अस्मिता को खतरा नहीं होगा। केरल में मुस्लिमों के लिए इबादतगाह बनाने के लिए सबसे पहले हिन्दू राजा ने मंदिर को मस्जिद बनबाया। मक्का के बाद चेरामन मस्जिद सबसे पूरानी मस्जिद है,इसका दरवाजा पूर्व की ओर खुलता है। वहां आज भी पीतल की घंटी लगी है, दीया जलता है लेकिन सेकुलरों को यह दिखाई नहीं देता है। हम ऐसी ही मस्जिद और गिराजघर चाहते है। भारत संभावानाओं का देश है। हम प्रयोगधर्मी है। श्री सिन्हा रविवार को अखिल भारतीय संस्कृति समन्वय संस्थान की ‘जनांकिकी राष्ट्र का भाग्य’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यदि जनसंख्या इंडोनेशिया की तरह बढ़ती है तो कोई कठियाई नहीं है। जहां जनसंख्या तो मुस्लिमों की अधिक है लेकिन वे सांस्कृतिक रूप से इंडोनेशियाई है। भारत भी इंडोनेशिया की तरह होता तो 2011 की जनगणना पर विमर्श करने की आवश्यकता ही नहीं होती। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अविभाजित भारत में हिन्दू केवल 62 प्रतिशत ही बचा है। इसलिए भारत में सभी धर्म,जाति, भाषा, बोली के लोगों पर जन्संख्या नीति समान रूप से लागू होनी चाहिए।
अखिल भारतीय संस्कृति समन्वय संस्थान के सरंक्षक रामप्रसाद ने कहा कि आंकड़े बहुत कुछ बोलते है। देश के सामने भविष्य में पैदा होने वाली भयावहता और चुनौतियों को समझकर निदान करने के लिए जनांकिकी आंकड़ो का गहराई से अध्ययन करना होगा।
कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, राजस्थान उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ, अखिल भारतीय समन्वय संस्थान के अध्यक्ष प्रो.जेपी शर्मा,महामंत्री आशुतोष पंत समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्वजन मौजूद थे।