—जयपुर में 21 स्थानों पर शस्त्र पूजन व पथ संचलन
जयपुर, 22 अक्टूबर।
रा.स्व.संघ की ओर से गुरूवार को विजयादशमी उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर शस्त्र पूजन किया गया, साथ ही जगह—जगह पथ संचलन निकाले गए। जयपुर शहर में 21 स्थानों पर उत्सव मनाया गया जिसमें स्वयंसेवकों को संघ के अधिकारियों का मार्गदर्शन मिला। संचलन के दौरान स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में घोष् की धून पर कदम मिलाते हुए आगे बढ रहे थे। स्वयंसेवक जहां से गुजरे वहां उत्साह, साहस का वातावरण देखते ही बन रहा था। लोगों ने जगह—जगह पुष्पवर्षा कर संचलन का स्वागत किया।
हीदा की मोरी स्थित खंडेलवाल स्कूल में आयोजित उत्सव में मुख्य वक्ता संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख अजीत महापात्र थे। स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए श्रीमहापात्र ने कहा कि 90 साल पूर्व विजयादशमी पर नागपुर में संघ की स्थापना हुई। डॉ.केशवराव बलिराव हेडगेवार ने सुप्त हिन्दू समाज को जाग्रत कर उनमें स्वाभिमान, साहस व संस्कार भरने के उद्देश्य से संघ की स्थापना की। संघ स्थापना से पूर्व हिन्दू सामाज को एकजूट करने का प्रण डॉ. साहब ने लिया, जो आज साकार रूप में है। आज संघ के स्वयंसेवक मौन तपस्वी साधक बनकर अनुशासित रूप से समाज के परिवर्तन की दिशा में काम कर रहे है।
उन्होंने कहा कि समाज में सज्जन शक्ति भी और दुर्जन शक्ति भी है। सज्जन शक्ति को संगठित होकर दुर्जन शक्ति के विनाश के लिए रक्त की अंतिम बूंद तक लगना होगा।
एनबीसी के पीछे तलाई हनुमान मंदिर में आयोजित विजयादशमी उत्सव में अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख गुणवंतसिंह जी कोठारी ने संबोधित किया।
सत्य परेशान हो सकता है परास्त नहीं
रा.स्व.संघ, भरतपुर के विजयादशमी उत्सव के मुख्य वक्ता जयपुर प्रांत के सह प्रांत प्रचार प्रमुख श्री मनोज जी ने कहा कि विजय के लिए धर्म और सत्य का मार्ग की आवश्यक है। सत्य परेशान हो सकता है परास्त नहीं हो सकता है। देश के विकास के लिए भक्ति, स्वाभिमान, साहस आदि गुण आवश्यक है। इन्हीं गुणों के आधार पर संघ जनसामान्य को संगठित कर असामान्य प्रचंड शक्ति देश में खडा करना चाहता है जो न केवल भारत को विश्वगुरू के सिंहासन तक पहुंचाएगी बल्कि दुनिया को अमन का मार्ग भी दिखाएगी। इसके बाद पथ संचलन निकाला जो भरतपुर के मुख्य चौराहों से होता गुजरा। संचलन पर स्थानीय लोगों पर पुष्प बरसाये।