उड़ीसा में चक्रवाती तूफान से तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है. तूफान से शहरी क्षेत्रों में पुरी, भुवनेश्वर, कटक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में खोरधा, पुरी, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, जाजपुर जिले अधिक प्रभावित हुए हैं. इन क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोगों के सामने भोजन और पीने के पानी का भी संकट है. कुछ स्थानों पर खुले आसमान के नीचे समय बिताना पड़ रहा है.
ऐसे में प्रभावित क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक राहत कार्य में जुट गए हैं. लेकिन यह कार्य समाज के सहयोग बिना पूर्ण करना सम्भव नहीं है. उत्कल बिपन्न सहायता समिति के कार्यकर्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं और प्रभावितों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए परिवहन के लिए सड़क मार्ग को साफ कर रहे हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह तथा उड़ीसा पूर्व के प्रांत संघचालक ने राहत कार्य के लिए आर्थिक सहयोग का आग्रह किया है.
समिति द्वारा राहत कार्य
तूफान की चेतावनी के बाद 03 मई को नजदीकी मलिन बस्तियों से 400 से अधिक लोगों को एक स्थान पर रखा गया था, और उन्हें समय समय पर बना बनाया खाना उपलब्ध कराया गया. समिति ने बड़ी तेजी से राहत कार्य में भागीदारी की, इसके तहत सात क्षेत्रों में – घोडाबाज़ार शिशु मंदिर पुरी, सरस्वती शिशु मंदिर ब्रह्मगिरी, दंडमुलुकुंडापुर, चांदपुर, निमापाडा और यूनिट – 3 सरस्वती शिशु मंदिर भुवनेश्वर राहत सामग्री वितरण के लिए केंद्र बनाए हैं. इसके अतिरिक्त जगतसिंहपुर और कटक में कुछ अन्य राहत सामग्री वितरण केंद्र बनाए जाएंगे. पहले दिन में ही समिति ने 10 क्विंटल से अधिक चूडा, पांच क्विंटल गुड़, पोलीथीन, मोमबत्ती और माचिस के साथ, 10 लाख से भी अधिक पानी की बोतलों का विचरण किया है.