Monthly Archive: November 2017

सोनीपत में एकात्म मानववाद’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में इंद्रेश कुमार जी 0

परमार्थ और सबका कल्याण भारतीय संस्कृति के मूल में है – इंद्रेश कुमार जी

विसंके जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि भारत भूखण्डों का संकलन नहीं है, जैसे की अन्य देश है। इसी प्रकार हिन्दुस्तान की संस्कृति में...

आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा 0

19 वीं सदी के आदिवासी जननायक बिरसा मुंडा

19 वीं सदी के एक प्रमुख आदिवासी जननायक थे। उनके नेतृत्‍व में मुंडा आदिवासियों ने 19वीं सदी के आखिरी वर्षों में मुंडाओं के महान आन्दोलन उलगुलान को अंजाम दिया। बिरसा को मुंडा समाज के...

श्री रामप्रकाश धीर 0

ब्रह्मदेश में संघ के प्रचारक श्री रामप्रकाश धीर – 16 नवम्बर/जन्म दिवस

ब्रह्मदेश में संघ के प्रचारक श्री रामप्रकाश धीर – 16 नवम्बर/जन्म दिवस ब्रह्मदेश (बर्मा या म्यांमार) भारत का ही प्राचीन भाग है। अंग्रेजों ने जब 1905 में बंग-भंग किया, तो षड्यंत्रपूर्वक इसे भी भारत से...

श्री बीरबल साहनी 0

वनस्पति शास्त्री बीरबल साहनी – 14 नवम्बर/जन्म-दिवस

वनस्पति शास्त्री बीरबल साहनी – 14 नवम्बर/जन्म-दिवस स्वतन्त्र भारत के पहले शिक्षा मन्त्री मौलाना आजाद ने एक वैज्ञानिक को शिक्षा सचिव जैसा महत्वपूर्ण पद सँभालने के लिए आमन्त्रित किया। सुख-सुविधाओं और सत्ता के लाभ वाले...

श्री भोगीलाल पण्ड्या 0

किसी भी व्यक्ति और समाज की स्थायी उन्नति का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा है

वनवासियों के सच्चे मित्र श्री भोगीलाल पण्ड्या – 13 नवम्बर/जन्म-दिवस राजस्थान के वनवासी क्षेत्र में भोगीलाल पंड्या का नाम जन-जन के लिए एक सच्चे मित्र की भाँति सुपरिचित है। उनका जन्म 13 नवम्बर, 1904 को ग्राम...

डॉ. मोहन भागवत 0

सामाजिक परिवर्तन की गति बढ़ाना आवश्यक -डॉ. मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत का प्रतिपादन  विसंके जयपुर। संघ विचार के कार्य का प्रभाव सर्वदूर बढ़ रहा है। इस प्रभाव से परिवर्तन दिख रहा है। इस सामाजिक परिवर्तन की गति बढ़ाने...

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गुरु तेगबहादुर जी के बलिदान से हिन्दुओं में भारी जागृति आयी

धर्म रक्षा हेतु बलिदान : गुरु तेगबहादुर (11 नवम्बर/बलिदान-दिवस) एक बार सिखों के नवें गुरु श्री तेगबहादुर जी हर दिन की तरह दूर-दूर से आये भक्तों से मिल रहे थे। लोग उन्हें अपनी निजी...

जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में वन्देमातरम् कार्यक्रम 0

भारत के लोग देश की सीमा से बाहर जाकर भी सम्पूर्ण वसुधा को मां के रूप में देखते है

विसंके जयपुर 8 नवम्बर। भारत के लोग देश की सीमा से बाहर जाकर भी सम्पूर्ण वसुधा को मां के रूप में देखते है, यहां निर्मल और शाश्वत प्रेम है यह कहना था राष्ट्रीय स्वयंसेवक...