Category: इतिहास-स्मृति

कारगिल विजय दिवस 0

कारगिल विजय दिवस

कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के लिये एक महत्वपूर्ण दिवस है। यह हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को उसका अंत हुआ। इसमें भारत की विजय...

वीर सावरकर की ऐतिहासिक छलांग 0

वीर सावरकर की ऐतिहासिक छलांग

 इतिहास स्मृति – 8 जुलाई अंग्रेजों के विरुद्ध लड़े गये भारत के स्वाधीनता संग्राम में वीर विनायक दामोदर सावरकर का अद्वितीय योगदान है। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर देश ही नहीं, तो विदेश...

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अंग्रेज सेना का समर्पण – 25 जून इतिहास स्मृति

जिन अंग्रेजों के अत्याचार की पूरी दुनिया में चर्चा होती है,  भारतीय वीरों ने कई बार उनके छक्के छुड़ाए हैं। ऐसे कई प्रसंग इतिहास के पृष्ठों पर सुरक्षित हैं। ऐसा ही एक स्वर्णिम पृष्ठ...

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प्रताप की निर्णायक विजय हुई हल्दीघाटी युद्ध में

जयपुर (विसंकें)। हल्दीघाटी का ऐतिहासिक युद्ध आज ही के दिन 18 जून 1576 को हुआ जिसमें प्रताप से घबराकर स्वयं अकबर युद्ध में नहीं आया, आसफ खाँ व जयपुर के राजा मानसिंह को भेजा।...

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दस मई 1857, जब क्रान्ति का बिगुल बज उठा – 10 मई इतिहास-स्मृति

दस मई 1857, जब क्रान्ति का बिगुल बज उठा – 10 मई इतिहास-स्मृति इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारतवासियों ने एक दिन के लिए भी पराधीनता स्वीकार नहीं की। आक्रमणकारी चाहे जो हो;...

कांगला दुर्ग (मणिपुर) का पतन / 27 अप्रैल – इतिहास स्मृति 0

कांगला दुर्ग (मणिपुर) का पतन / 27 अप्रैल – इतिहास स्मृति

कांगला दुर्ग का पतन-27 अप्रैल/इतिहास-स्मृति 1857 के स्वाधीनता संग्राम में सफलता के बाद अंग्रेजों ने ऐसे क्षेत्रों को भी अपने अधीन करने का प्रयास किया, जो उनके कब्जे में नहीं थे। पूर्वोत्तर भारत में मणिपुर...

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अनुपम क्रान्तितीर्थ जलियांवाला बाग – 13 अप्रैल इतिहास-स्मृति

अनुपम क्रान्तितीर्थ जलियांवाला बाग – 13 अप्रैल इतिहास-स्मृति भारतीय स्वतन्त्रता के लिए हुए संघर्ष के गौरवशाली इतिहास में अमृतसर के जलियाँवाला बाग का अप्रतिम स्थान है। इस आधुनिक तीर्थ पर हर देशवासी का मस्तक उन वीरों...

चिपको आन्दोलन और गौरादेवी - 26 मार्च इतिहास-स्मृति 0

चिपको आन्दोलन और गौरादेवी – 26 मार्च इतिहास-स्मृति

चिपको आन्दोलन और गौरादेवी – 26 मार्च इतिहास-स्मृति आज पूरी दुनिया लगातार बढ़ रही वैश्विक गर्मी से चिन्तित है। पर्यावरण असंतुलन, कट रहे पेड़, बढ़ रहे सीमेंट और कंक्रीट के जंगल, बढ़ते वाहन, ए.सी,...

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जब भारतीय बन्दी अन्दमान पहुंचे – 10 मार्च इतिहास-स्मृति

जब भारतीय बन्दी अन्दमान पहुंचे – 10 मार्च इतिहास-स्मृति अन्दमान-निकोबार या काले पानी का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह वह स्थान है, जहाँ भारत के उन वीर स्वतन्त्रता सेनानियों को...

महारानी कर्मवती के नेतृत्व में 13000 विरांगनाओ ने चित्तौड़ का दूसरा जौहर किया - 8 मार्च 1535 इतिहास-स्मृति 0

महारानी कर्मवती के नेतृत्व में 13000 विरांगनाओ ने चित्तौड़ का दूसरा जौहर किया – 8 मार्च 1535 इतिहास-स्मृति

महारानी कर्मवती के नेतृत्व में 13000 विरांगनाओ ने चित्तौड़ का दूसरा जौहर किया – 8 मार्च 1535 इतिहास-स्मृति मेवाड़ के कीर्तिपुरुष महाराणा कुम्भा के वंश में पृथ्वीराज, संग्राम सिंह, भोजराज और रतनसिंह जैसे वीर योद्धा...