राष्ट्रीय विचार आधारित साहित्य के प्रचार में लगे व्यक्तित्व का सम्मान
यों तो श्रीनाथजी राव का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं, क्योंकि भारती भवन में आने वाला कोई भी स्वयंसेवक उनके नाम से अच्छी तरह से परिचित है ज्ञान गंगा प्रकाशन जो कि राष्ट्रीय...
यों तो श्रीनाथजी राव का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं, क्योंकि भारती भवन में आने वाला कोई भी स्वयंसेवक उनके नाम से अच्छी तरह से परिचित है ज्ञान गंगा प्रकाशन जो कि राष्ट्रीय...
(भाग-१) यह वर्ष विशेष क्यों? १) स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध शिकागो अभिभाषण का 125 वॉं वर्ष है। २) उनकी शिष्या भगिनी निवेदिता के जन्म का 150 वॉं वर्ष है। ० भगिनी निवेदिता ने स्वधर्म...
विसंके जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भारत एक है और अब वो जाग रहा है। भारत उठेगा और अपना स्थान हासिल करेगा, ऐसी आशाएं पल्लवित हो...
गीत के विनम्र स्वर दत्ता जी उनगांवकर (6 अक्तूबर/पुण्य-तिथि) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में देशप्रेम से परिपूर्ण अनेक गीत गाये जाते हैं। उनका उद्देश्य होता है, स्वयंसेवकों को देश एवं समाज के साथ...
विसंके जयपुर। शरद पूर्णिमा के अवसर पर गोविन्दपुरा सांगानेर की शिक्षा सागर कॉलोनी में चले रहे सेवा विद्यालय में गायत्री परिवार के सहयोग से दीप यज्ञ के साथ मातृ-पितृ वंदन कार्यक्रम का आयोजन हुआ।...
विसंके जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का आज सुबह दिल्ली से वृन्दावन कार्यक्रम में जाते समय कार दुर्घटना ग्रस्त हो गई। पूज्य सरसंघचालक जी के साहयक गिरीश जी ने...
विसंके जयपुर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि व्यक्ति के विकास के लिए आवश्यक है कि वह अपनी श्रद्धा पर दृढ़ रहे। भक्त प्रह्लाद को विश्वास था...
केरल में हिन्दू शक्ति के सर्जक भास्कर राव कलम्बी (5 अक्तूबर/जन्म-दिवस) क्षेत्रफल में बहुत छोटा होने पर भी केरल में संघ की सर्वाधिक शाखाएं हैं। इसका बहुतांश श्रेय पांच अक्तूबर, 1919 को ब्रह्मदेश में रंगून...
जयमंगल पांडे और नादिर अली का बलिदान (4 अक्तूबर/बलिदान-दिवस) 1857 के स्वाधीनता संग्राम की ज्योति को अपने बलिदान से जलाने वाले मंगल पाण्डे को तो सब जानते हैं; पर उनके नाम से काफी मिलते-जुलते...
बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त (3अक्टूबर/पुण्यतिथि) यह देश का दुर्भाग्य ही है कि अंग्रेजों ने जो भ्रामक इतिहास शिक्षा के माध्यम से जन-जन में प्रसारित किया, स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भी उसमें सुधार...