तीन नदियों के पानी का भारत ही करेगा उपयोग
पुलवामा आतंकी हमले के पश्चात केंद्र सरकार ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पहले पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीना गया और अब पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सरकार ने इंडस वॉटर ट्रीटी को हथियार बनाने का निर्णय लिया है. नरेंद्र मोदी सरकार ने निर्णय लिया है कि भारत की 3 नदियों रावी, ब्यास और सतलुज का पानी अब पाकिस्तान में नहीं बहाया जाएगा. अपितु विभिन्न योजनाओं के तहत पानी का उपयोग भारत के लिये ही किया जाएगा. पाकिस्तान को केवल उसके लिये निर्धारित पानी ही मिलेगा. अभी तक भारत के हिस्से का पानी भी पाकिस्तान जा रहा था. इन नदियों का रूख मोड़कर यमुना से जोड़ा जाएगा. पानी का उपयोग जम्मू कश्मीर व पंजाब में किया जाएगा. सड़क परिवहन और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी जी ने आज बागपत में एक सभा के दौरान केंद्र सरकार के निर्णय की घोषणा की. बागपत यमुना किनारे बसा है, यहां के किसान यमुना के पानी पर निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि यमुना में अब पानी की कमी नहीं होगी.
रावी, ब्यास, सतलुज ये वो तीन नदियां है, जिसके पानी पर इंडस वाटर ट्रीटी के तहत भारत का अधिकार है, लेकिन पानी के बहाव का फायदा पाकिस्तान को भी होता है. निर्णय लिया है कि पाकिस्तान को तय पानी ही छोड़ा जाए, अधिक नहीं.
शाहपुर-कंडी में रावी नदी पर एक प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है. इसके अलावा एक अन्य प्रोजेक्ट की मदद से जम्मू-कश्मीर में रावी नदी का पानी स्टोर किया जाएगा और इस डैम का अतिरिक्त पानी अन्य राज्यों में प्रवाहित किया जाएगा. इन परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया है.