Monthly Archive: September 2018

समाज परिवर्तन का आंदोलन है संघ – दीपक विस्पुते जी 0

समाज परिवर्तन का आंदोलन है संघ – दीपक विस्पुते जी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज परिवर्तन का आंदोलन है. संघ के कार्यकर्ता समाज जागरण के कार्य में संलग्न हैं. संघ मानता...

हर श्वास में है ‘सेवा ’ जहाँ 0

हर श्वास में है ‘सेवा ’ जहाँ

 कमरे की लाइट ऑन करते ही वो महिला अचानक जोर-जोर से चीखने लगी- “………. बबब…बब ब ब….बंद करो यह रौशनी…..ह ह ह …हटाओ इ…इ इसे यहाँ से ….. जाने दो मुझे…. न न नहीं...

गौमुखी सेवा धाम ने 40 गाँवो को दिखाई विकास की राह (छत्तीसगढ़) 0

गौमुखी सेवा धाम ने 40 गाँवो को दिखाई विकास की राह (छत्तीसगढ़)

छतीसगढ़ के कोरबा जिले से 60 किलोमीटर की दूरी पर बसा है छोटा सा गाँव देवपहरी | आज से अट्ठारह बरस पहले देवपहरी पहुँचना हिमालय चढ़ने जैसा कठिन था। गांव तक पहुंचने  के लिए...

भविष्य का भारत – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण 0

भविष्य का भारत – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण

तीन दिवसीय व्याख्यानमाला का अंतिम दिन, प्रश्नोत्तर सत्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने भारत के समाज में सामाजिक विषमता को बढ़ाने वाली सभी बातों का समूल नाश करने का आह्वान...

हमारा संविधान इस प्राचीन राष्ट्र की साझा सहमति का दस्तावेज है – डॉ. मोहनराव भागवत जी 0

हमारा संविधान इस प्राचीन राष्ट्र की साझा सहमति का दस्तावेज है – डॉ. मोहनराव भागवत जी

 बंधुत्व का वैचारिक अधिष्ठान हिन्दुत्व है. महिलाएं न देवी हैं, न दासी, वे राष्ट्र के विकास में पुरूषों की बराबर की साझीदार और हिस्सेदार हैं. देशभक्ति, पूर्वजों का गौरव और अपनी संस्कृति से प्रेम...

सतनामी पन्थ के संस्थापक  : गुरु घासीदास 0

सतनामी पन्थ के संस्थापक : गुरु घासीदास

18 सितम्बर/जन्म-दिवस सतनामी पन्थ के संस्थापक  : गुरु घासीदास छत्तीसगढ़ वन, पर्वत व नदियों से घिरा प्रदेश है। यहाँ प्राचीनकाल से ही ऋषि मुनि आश्रम बनाकर तप करते रहे हैं। ऐसी पवित्र भूमि पर...

हम संघ का वर्चस्व नहीं चाहते – डॉ मोहन भागवत जी 0

हम संघ का वर्चस्व नहीं चाहते – डॉ मोहन भागवत जी

  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि “हम संघ का वर्चस्व नहीं चाहते. हम समाज का वर्चस्व चाहते हैं. समाज में अच्छे कामों के लिए संघ के वर्चस्व की आवश्यकता...

मूर्ति पूजा क्या है, क्यों करते हैं ? श्रीश्री रविशंकर 0

मूर्ति पूजा क्या है, क्यों करते हैं ? श्रीश्री रविशंकर

मूर्ति क्या है? एक चिन्ह है। ईश्वर जो निराकार है, जिसका विवरण नहीं हो सकता, जिसे देखा या छुआ नहीं जा सकता, उस ईश्वर को देखने और समझने के लिए आपको एक माध्यम की...

संघ का अंतिम लक्ष्य परम वैभवशाली भारत 0

संघ का अंतिम लक्ष्य परम वैभवशाली भारत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कल्पना में ‘परमवैभवशाली भारत’ ही भविष्य का भारत है। यही कल्पना स्वामी विवेकानन्द, स्वामी दयानन्द, स्वामी रामतीर्थ, महर्षि अरविंद, डॉक्टर हेडगेवार, सुभाष चन्द्र बोस, वीर सावरकर, सरदार भगत सिंह और महात्मा गांधी जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने की थी।...

संसार में मनोबल से बड़ा कुछ नहीं 0

संसार में मनोबल से बड़ा कुछ नहीं

एक बार की बात है गौतम बुद्ध अपने भिक्षुओं के साथ विहार करते हुए शाल्यवन में एक वटवृक्ष के नीचे बैठ गए। धर्म चर्चा शुरू हुई और उसी क्रम में एक भिक्षु ने उनसे...