सेवा भारती द्वारा सन्त रविदास जयन्ती समारोह
जयपुर (विसंकें). सन्त रविदास जयंती समारोह में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त कार्यवाह फूल सिंह जी ने कहा कि संत रविदास जी का संदेश था – मनुष्य जन्म और जाति से महान नहीं होता, अपने कर्मों से महान होता है. उन्होंने जीवन भर जूते बनाने का काम किया, परन्तु अपनी भक्ति और ज्ञान के कारण समाज के सभी वर्गों द्वारा पूजे गए और सन्त शिरोमणि कहलाए. वे जाति भाव को हिन्दू समाज का सबसे बड़ा दोष मानते थे. उन्होंने जीवन भर हिन्दू समाज में समरसता और एकता के लिये कार्य किया. संत रविदास जयन्ती समारोह का आयोजन सेवा भारती मेरठ महानगर द्वारा किया गया था.
मुख्य अतिथि सामाजिक समरसता मंच के क्षेत्र संयोजक लक्ष्मीप्रसाद जायसवाल ने कहा कि भारत की संत परम्परा महान है, जिसने सदैव समाज के उत्थान और मानव कल्याण के लिये कार्य किया है.
समारोह के अध्यक्ष रविदासीय समाज के धर्म प्रचारक भीष्म सागर ने कहा कि समाज में आज भी विषमता और वैमनस्य दिखायी देता है. ऐसे में सन्त रविदास के जीवन को समझने और उनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है. समारोह में संत रविदास के जीवन प्रसंगों पर आधारित नाटिका एवं भक्ति गीतों के मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए. कार्यक्रम के अन्त में 300 मेधावी छात्र-छात्राओं एवं समाज के उत्थान में समर्पित सेवाभावियों को सम्मानित किया गया.