राजस्थान में जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में रामनवमी शोभायात्रा के बाद शनिवार शाम वापस अपने घरों की तरफ लौट रहे भक्तों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपनी छतों पर से पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। अचानक पत्थरों की बौछार से शोभायात्रा में शामिल लोगों में अफ़रा.तफ़री का माहौल बन गया। कुछ लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए। कुछ मुसलमानों ने शनिवार को एक हिंदू परिवार के घर पर भी हमला किया। परिवार के सदस्यों का कहना है कि कंट्रोल रूम को बार बार कॉल करने के बावजूद पुलिस समय पर नहीं पहुंच सकी। दंगाइयों ने दो बाइक और एक स्कूटर को भी आग के हवाले कर दिया। इनमें से अधिकांश ने अपने चेहरे रुमाल व कपड़े से ढंके हुए थे। जब मामले को शांत कराने पुलिस मौक़े पर पहुँची तो छतों से पथराव कर रहे पत्थरबाजों ने पुलिस पर भी पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इससे दो पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आईं।
इतनी देर पत्थरबाजी: पूर्व नियोजित साजिश से इनकार नहीं
सूरसागर इलाके में हुए उपद्रव का एक लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर आया। करीब 13 मिनट के इस वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि सूरसागर मुख्य मार्ग पर स्थित दो घरों की छतों पर करीब एक दर्जन पत्थरबाज खड़े हैं। वे रह रहकर पुलिस पर पथराव करते दिख रहे हैं। इन्हीं पत्थरबाजों के वार से एक पुलिसकर्मी के सिर में चोट आई। इतना कुछ होने के बावजूद पुलिस उन दोनों मकानों की छत पर चढ़कर पत्थरबाजों को पकड़ने की बजाय मूकदर्शक बनी नजर आई। पुलिस न तो उन घरों में घुसी और न ही बाहर से आंसू गैस के गोले ही छोड़े।
2 दिन पहले तनाव के बावजूद नहीं खंगाली घरों की छतें
सूरसागर के इसी इलाके में गुरुवार को तनाव की स्थिति बनी थी। इसके बाद रामनवमी महोत्सव समिति ने पुलिस प्रशासन को विशेष सुरक्षा इंतजाम करने का आग्रह भी किया था। इसके बावजूद कई घरों की छतों से पुलिस पर पथराव होता रहा। समय रहते पुलिस ने यदि इस इलाके के घरों की छतों की तलाशी ली होती या ड्रोन कैमरों से इस इलाके का सर्वे ही किया होता तो संभवतया हालात इतने नहीं बिगड़ते।
रामनवमी महोत्सव समिति और पुलिस की कुछ दिनों पहले आयोजन को लेकर बैठक हुई थी। समिति ने पुलिस से सूरसागर क्षेत्र में तनाव की स्थिति का जिक्र करते हुए शोभायात्रा के शुरू से लेकर समापन तक यहां पर्याप्त पुलिस बल तैनात रखने का आग्रह किया था। इसके बाद सूरसागर इलाके में कुछ जाब्ता भी तैनात किया गया था। लेकिन हालात बिगड़ने के बाद भी पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।