आतंकी संगठनों के खिलाफ भारत ने सख्त संदेश दिया है. बालाकोट में आतंकी संगठनों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के साथ ही भारतीय सेना देश के दूसरे छौर पर आतंकियों के खिलाफ मिशन चला रही थी. जिसमें आतंकियों व उनके कई ठिकानों को तबाह किया गया. भारत ने पड़ोसी देश के सहयोग से मिशन को पूरा किया. बताया जा रहा है कि आतंकी संगठनों के खिलाफ यह मिशन 02 मार्च तक चला.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मिशन भारत व म्यांमार दोनों देशों ने महत्पूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को बचाने के लिए चलाया. म्यांमार में सितवे बंदरगाह के माध्यम से कोलकाता से मिजोरम को जोड़ा जा रहा है. ये प्रोजेक्ट आतंकी संगठनों के निशाने पर था.
म्यांमार का विद्रोही समूह अराकान आर्मी ने मिजोरम सीमा पर कई कैम्प बना रखे थे. ये भातर के मेगा कालादान प्रोजेक्ट को काफी समय से टारगेट कर रहे थे. यही कालादान प्राजेक्ट कोलकाता से म्यांमार के सितवे पोर्ट को जोड़ने वाला है. प्रोजेक्ट के पूरा होते ही कोलकाता से मिजोरम के बीच हजार किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी. अभी इसमें करीब चार दिन का समय लगता है.
अराकान आर्मी को म्यांमार के आतंकी संगठन काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी की ओर से ट्रेनिंग दी गई है. कालादान प्रोजेक्ट पर खतरे को लेकर इंटलीजेंस रिपोर्ट मिली थी.
पहले चरण में मिजोरम की सीमा पर नवनिर्मित शिविरों को ध्वस्त करने के लिए बड़े पैमाने पर संयुक्त अभियान शुरू किया गया, जबकि ऑपरेशन के दूसरे भाग में NSCN (K) के मुख्यालय को निशाना बनाया गया और कई शिविरों को नष्ट किया गया.
रोहिंग्या आतंकी समूह अराकान आर्मी और नागा आतंकी समूह NSCN (K) के खिलाफ 2 सप्ताह लंबा संयुक्त भारत-म्यांमार ऑपरेशन चला.