अधिवक्ता और शिक्षक का आचरण समाज के लिए सदैव अनुकरणीय: छाब


जयपुर। राष्ट्रीय युवा दिवस को अधिवक्ताओं के बीच अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की ओर से सम्पूर्ण भारतवर्ष में युवा अधिवक्ता दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। इसी क्रम में अधिवक्ता परिषद् राजस्थान, जयपुर प्रान्त की उच्च न्यायालय इकाई, जयपुर की ओर से शुक्रवार को उच्च न्यायालय स्थित श्री सतीश चंद्र सभागार में युवा अधिवक्ता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम विषय वर्तमान परिपेक्ष्य में युवा अधिवक्ताओं की भूमिका एवं उनसे अपेक्षाएं पर कार्यक्रम अध्यक्ष बसन्त सिंह छाबा उपमहान्यायभिकर्ता भारत सरकार,ने कहा कि समाज में सदैव शिक्षक और अधिवक्ता का आचरण अनुकरणीय माना जाता है। इस पेशे के जुड़े व्यक्तियों पर अत्यधिक जिम्मेदारी बनती है कि वो अन्य से पहले स्वयम के प्रति अत्यधिक सजग रहे, वही मिथ्या कथन कहने से बचे और सदैव सत्य के मार्ग पर अडिग रहे, मुख्य वक्ता माननीय न्यायाधिपति श्री अनूप कुमार ढंड ने बताया कि व्यक्ति विशेषकर वकालत के पेशे से जुड़ा व्यक्ति सदैव युवा ही रहता है, युवा अधिवक्ताओं को सबसे पहले न्यायालय में आचरण करना सीखना चाहिए, अपने द्वारा कहे जाने वाले शब्दों को बड़ी शालीनता से न्यायालय के समक्ष रखना आना चाहिए, विशिष्ट अतिथि वरिष्ट अधिवक्ता श्री राजीव सुराणा ने बताया की मेरे पिता मेरे गुरु और मार्गदर्शक थे, उनकी कही बात का सदैव अनुसरण करता हूँ और युवाओं को भी कहूंगा कि वो काम के साथ शारीरिक स्वस्थता का भी ध्यान रखे स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ विचार और कर्मशीलता होती है। कार्यक्रम में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री श्री कमल परसवाल व प्रान्त अध्यक्ष श्री नीरज बत्रा की गरिमामय उपस्थिति रही। अधिवक्ता परिषद का विषय परिचय माही यादव ने मंच संचालन उच्च न्यायालय इकाई के मंत्री राजेश चौधरी व इकाई अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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