मानवता का ग्रंथ हैं गीता

‘आओ गीता को जाने’ संवाद कार्यक्रम संपन्न

जयपुर

गीता जयंती के अवसर पर शनिवार को सामाजिक समूह यू थिन्क की ओर से गलता धाम स्थित सूर्य मंदिर में महाग्रंथ गीता पर एक संवाद एवं प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम, ‘आओ गीता को जाने’ का आयोजन हुआ।
मुख्य वक्ता के रूप में गीता के प्रचारक अरविन्द स्वामी व वरिष्ठ पत्रकार एवं गीता के जानकार हिरेन जोशी थे। अरविन्द स्वामी ने भगवान सूर्य और गीता का विशेष संबंध बताते हुए कहा कि भगवान ने सर्वप्रथम गीता ज्ञान सूर्य को ही दिया था। उन्होंने बताया कि गीता सृष्टि का प्रथम गीत है। गीता में ऊंच-नीच के लिए कोई स्थान नहीं है, इसमें पृथ्वी पर केवल दो जाती बताई गई हैं, दैवीय वृत्ति व आसुरी वृत्ति। उन्होंने युवाओ को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत गीत अन्तःकरण में चल रहे सभी द्वंदों का हल हैं। गीता हमें भीतर की ओर जाने का मार्ग बताती हैं जो स्वयं को पहचाने का एकमात्र मार्ग हैं।
हिरेन जोशी ने कहा कि गीता मानवता का ग्रन्थ है। सब कुछ अर्जुन को बताने के बाद गीताज्ञान को मानने या न मानने का निर्णय भगवान अर्जुन के विवेक पर छोड़ते हैं।
यह बताता हैं कि भारतीय ग्रंथो में किसी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं हैं। अंत में उन्होंने कर्मफल की आसक्ति के त्याग की बात के साथ अपना उद्बोधन पूरा किया।
इस अवसर पर कई प्रबुद्धजन, युवा और पर्यटक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में वक्ताओं द्वारा सभी को यथार्थ गीता भेंट की गईं।

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