उदयपुर, 09 नवम्बर। भारतीय सनातन संस्कृति के छह मूल्यों पर आधारित चार दिवसीय ‘हिन्दू अध्यात्म एवं सेवा संगम-2016’ की शुरूआत गुरूवार को सायं चार बजे स्थानीय बी.एन. विश्वविद्यालय में होगी। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख श्री गुणवंत सिंह कोठारी ने बुधवार को संवाददाताओं को दी।
उन्होंने बताया कि वंदेमातरम् नाद ने पूरे शहर ही नहीं, सम्पूर्ण अंचल में देशभक्ति की तरंगें झंकृत की हैं। अब इस सम्पूर्ण आयोजन का महत्वपूर्ण चरण 10 नवम्बर से शुरू हो रहा है जो सामाजिक समरसता और हिन्दू समाज की सेवा भावना, भारतीय संस्कृति की विशाल हृदयता का दर्शन सभी को कराएगा।
उन्होंने बताया कि सेवा और समरसता को जन-जन का विषय बनाने के उद्देश्य से यह आयोजन हो रहा है। छह मूल्यों में वनों का संरक्षण एवं वन्यजीवों का संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थिति संरक्षण, मानवीय और पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देना, नारी सम्मान को प्रोत्साहन, देशभक्ति का भाव जगाना शामिल है। ज्ञातव्य है कि जैन, सिक्ख, बौद्ध आदि सहित, हिन्दू समाज के हजारों पंजीकृत, अपंजीकृत प्रतिष्ठान सेवा कार्य कर रहे हैं। उनकी जानकारी समाज तक पहुंचे इसके लिए यह प्रयास किया जा रहा है। संगम स्थल पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, मातृ-पितृ पूजन, कन्या वंदन, आचार्य वंदन, परमवीर वंदन कार्यक्रम भी होंगे। मातृ-पितृ पूजन में करीब 1100 परिवार, कन्या वंदन में 1000 कन्याएं, आचार्य वंदन में 300 से अधिक आचार्य जन का वंदन करने का लक्ष्य बनाया गया है। महत्वपूर्ण कार्यक्रम सामाजिक समरसता सम्मेलन होगा जो 13 नवम्बर को होगा। संगम में मेवाड़ के धामों की भी झांकियां सजेंगी। मुख्य द्वार पर भी संगम के छह मूल्यों पर आधारित झलक नजर आएंगी। उद्घाटन समारोह मंगलधुन शहनाई वादनव गणपति वंदना से शुरू होगा। उदयपुर के भगवती प्रसाद सारंगी वादन करेंगे। उद्घाटन के बाद रात्रिकालीन कार्यक्रम में कत्थक आश्रम उदयपुर की ओर से पर्यावरण संरक्षण आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। भेंडीबाजार घराने की युवा गायिका भूमिका द्विवेदी व नाथद्वारा के पद्मश्री पुरुषोत्तम दास पखावजी के प्रपौत्र केशव कुमावत पखावज वादन की प्रस्तुति देंगे।