संथाल. परगना में पुलिस मुख्यालय को भेजी गई एक खुफिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि पीएफआई प्रतिबंध के बावजूद झारखंड के पाकुड़, साहेबगंज और गोड्डा में संगठन का विस्तार कर रहा है. इसके तहत योजनाबद्ध तरीके से पीएफआई के सदस्य जनजातीय समाज की लड़कियों से शादी कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार झारखंड स्पेशल ब्रांच द्वारा पुलिस मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि पीएफआई राजमहल, उधवा, तालझारी और बरहेट प्रखंड के अयोध्या, जोगोटोला, वृंदावन, करमटोला, महाराजपुर, बालूग्राम, गंगटिया, जोंका, तीन पहाड़ बाजार और पाकुड़ के चंद्रापाड़ा, राशिपुर, जोगाडीह व पादरकोला गांवों में जमीन खरीद रहा है. इसके अलावा कई गांवों में पीएफआई ने जमीनों पर कब्जा भी किया. पीएफआई द्वारा बंगलादेशी घुसपैठियों को चल-अचल संपत्ति खरीदने के लिए फंडिंग की जाती है. जनजातीय समाज की महिलाएं दस्तावेजों में पति का नाम न दिखाकर पिता का नाम दर्ज कराती हैं. इससे उसकी जमीन का मालिक उसका गैर जनजातीय व्यक्ति जो महिला का पति होता है, वह बन जाता है. इस साजिश का खुलासा होने के बाद अब राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि जनजातीय महिलाओं को जमीन रजिस्ट्री में पति का नाम दिखाना अनिवार्य होगा. ओडिशा में पहले से ही ऐसा कानून है. इसी तर्ज पर अभी झारखंड में भी इसी तरह का कानून बनाया जाएगा.
जानकारी के अनुसार पीएफआई के सदस्य जनजातीय समाज की लड़कियों से शादी कर उनके नाम से जमीन खरीद रहे हैं. ऐसा वह नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजंस (एनआरसी) से बचने के लिए करते हैं. ऐसा करके बंगलादेशी घुसपैठिए स्वयं को झारखंड का निवासी बता सकते हैं. भाजपा सांसद समीर उरांव का कहना है कि सुनियोजित साजिश के तहत जनजातीय महिलाओं से शादी कर राज्य में जमीन हड़पी गई है. संथाल परगना के चार जिलों में बंगलादेशी घुसपैठियों के साथ मिलकर जनजातीय समाज की जमीन खरीदी गई है.
साभार – पाञ्चजन्य