संघ शोषणमुक्त समतायुक्त समाज निर्माण में कार्यरत—प.पू.सरसंघचालक

10—संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष समापन समारोह
नागपुर, 9 जून।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी प्रतिक्रिया के स्वरूप में काम नहीं करता। संघ का उद्देशय संपूर्ण समाज को संगठित करना है, हिन्दुओं में शक्तिशाली संगठन बनना नहीं, ऐसा प्रतिपादन रा. स्व. संघ के सरसंघचालक डाॅ मोहनजी भागवत ने तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग समारोप कार्यक्रम में किया। रेशिमबाग के मैदान पर आयोजित कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि कोलकाता के साप्ताहिक “वर्तमान” के संपादक श्री रंतिदेव सेनगुप्त जी थे ।
डाॅ मोहनजी भागवत ने आगे कहा कि शोषण मुक्त, समतायुक्त समाज का निर्माण करने के लिए संघ काम कर रहा है। संघ के स्वयंसेवकों के व्यवहार एवं निस्वार्थ सामाजिक कार्य के कारण संघ की लोकप्रियता बढ़ रही है।
समाज सेवा का काम करने वाले कार्यकर्ताओं में संघ भेद नहीं करता। जो संघ से संबधित नहीं हैं लेकिन निस्वार्थ भाव से समाज सेवा करते हैं, ऐसे समाज सेवकों के सम्पर्क मे भी संघ रहता है। आवश्यक हो तो उन्हें सहायता भी देता है।
डाॅ. मोहनजी भागवत ने आगे कहा कि इस देश में विविध संप्रदाय एवं रीति रिवाज हैं लेकिन “हम भारतवासी है” यह भावना समान है — यह सिखाने की आवश्यकता नहीं है! इस देश की संस्कृति हम सब को जोड़ती है यह प्राकृतिक सत्य है। हमारे संविधान में भी इस भावनात्मक एकता पर बल दिया गया है। हमारी मानसिकता इन्हीं मूल्यों से ओतप्रोत है।
देश की एकात्मता का सूत्र इतना मजबूत होते हुये भी इतिहास में अलगाववादी ताकतों के शक्तिशाली होने के कारण देश पराधीनता की बेड़ियों में जकड़ा गया। इसे हमें भूलना नहीं चाहिये। हम इतिहास से सीख नहीं लेंगें तो देश की एकता एवं स्वतंत्रता के लिये खतरा निमार्ण हो सकता है, ऐसा संकेत मोहनजी ने दिया।
श्री रंतिदेव सेनगुप्त जी ने कहा कि इस देश के सामाजिक विकास के लिए देश की संस्कृति, परम्परा एवं धर्म चिंतन पर आधारित, जाति-पाति तथा छुआछूत से परे, एक राष्ट्रवादी संगठन का निर्माण हो, यह स्वामी विवेकानंद का स्वप्न डॉ. हेडगेवारजी ने रा. स्व. संघ की स्थापना कर पूर्ण किया। इन शब्दों में रंतिदेव सेनगुप्त जी ने संघ का कार्य अधोरेखित किया।

अपने भाषण में किसी संगठन का नाम लिए बिना उन्होने राष्ट्रविरोधी अभियान चलाने वाली शक्तियों की आलोचना की। उन्होंने कहा भारत की स्वतंत्रता के लिये लड़नेवाले सुभाषचंद्र बोस के लिए अपशब्दों का प्रयोग करने वाली, भारत के टुकड़े कर कश्मीर, केरल, मणिपुर को भारत से तोड़ने की बातें करनेवाली शक्तियाँ कभी सफल नही होंगी लेकिन देशवासियों को इन शक्तियों से सावधान रहकर गुजरात से बंगाल तक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक “भारत माता की जय” का घोष करना होगा।

मंच पर महानगर संघचालक श्री राजेशजी लोया4-300x199, वर्ग के सर्वाधिकारी वन्नीय राजन उपस्थित थे। प्रास्ताविक एवं आभार प्रदर्शन वर्ग कार्यवाह हरीशजी कुलकर्णी ने किया। शिक्षा वर्ग में 978 स्वयंसेवक शिक्षार्थियों ने भाग लिया। समारोपीय कार्यक्रम में शिक्षार्थियों ने योगासन तथा व्यायाम-योग प्रात्यैक्षिक प्रस्तुत किया। राष्ट्र सेविका समिति की संचालिका शांताक्का एवं अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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