—कसेरा परिवार को दिसंबर में मिला था ऑर्डर
जयपुर। अयोध्या मंदिर में विराजमान होने जा रहे ‘रामलला’ का 1008 छिद्रों वाले घड़े से जलाभिषेक किया जाएगा। इस भव्य और अलौकिक दृश्य की सभी को प्रतिक्षा है। जलाभिषेक घड़ा बनकर तैयार है।
काशी के हस्तशिल्पियों ने इस ‘सहस्त्रछिद्र जलाभिषेक’ घड़े को तैयार किया है। काशी की तंग गलियां पूरी दुनिया में जानी जाती है। लेकिन उन्ही तंग गलियों में एक से लेकर एक हुनरमंद हैं, जिनके हुनर का लोहा पूरी दुनिया मानती है। वाराणसी का काशीपुरा धातुशिल्पियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां ऐसे शिल्पकार है जिनकी पांच- पांच पीढ़ी इस परंपरा को आगे बढ़ाने में लगी है। ऐसे ही शिल्पकारों को जब सहस्त्रछिद्र वाला घड़ा तैयार करने की जिम्मेदारी मिली तो वे खुद को बेहद भाग्यशाली मान इस कार्य में जुट गए और हफ्तों की मेहनत से इस घड़े को तैयार किया है।
शिल्पकार लालू कसेरा ने सहस्त्र कलश निर्माण किया है। वे बताते हैं- ”हमें सहस्त्र कलश तैयार करने के लिए दिसंबर में ही ऑर्डर मिला था। इसे पूरे परिवार ने मिलकर तैयार किया है। लालू ये भी स्वीकारते हैं कि, कसेरा परिवार भाग्यशाली है जिसे कलश बनाने की जिम्मेदारी मिली है।” सहस्त्र कलश के अलावा काशी में 125 कमंडल, आचमनी पात्र और एक विशेष कटोरा भी तैयार किया गया है।